गुणगाण गावे | रूप रंग ध्यावे |
दत्ता आठवावे | प्रेमभावे ||१
कृपेचा सागर | पतिता आधार |
युग अवतार | कलिमाजी ||२
प्रेमळ माऊली | संकटी धावते |
नित्य सांभाळते | लेकुराते ||३
स्मरणे संतुष्ट | भक्तासी तिष्टत |
जणू की शोधत | कृपा संधी ||४
भावाने भिजला | परीक्षे कसला |
तयाचा जाहला | तोची धन्य ||५
विक्रांत प्रभाकर
http://kavitesathikavita.blogspot.in/
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