देव घेई रूपे | भक्तांच्या कारणे |
भक्तीसी तो उणे | येवू न दे ||१||
साई गजानन | समर्थ शंकर |
कौतुक अपार | भक्तांसाठी ||२||
श्रीपाद वल्लभ | नरसिंह स्वामी |
चरित्र वाचून | जन्म तरे ||३||
माणिक प्रभू श्री | वासुदेवानंद |
भरला आनंद | दत्त कुळी ||४||
पुण्यासी फळलो | तया दारी आलो |
सकल पातलो | भक्ती प्रेम ||५||
विक्रांत प्रभाकर
http://kavitesathikavita.blogspot.in/
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